Starlink satellite internet Plan : एलन मस्क की कंपनी Starlink ने अब बांग्लादेश में भी अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू कर दी है। यह दक्षिण एशिया का दूसरा देश है जिसने भूटान के बाद लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) टेक्नोलॉजी को अपनाया है। इस नई शुरुआत से बांग्लादेश में हाई-स्पीड और लो-लेटेंसी इंटरनेट अब देशभर में उपलब्ध होगा।
पूरे देश में मिलेगा हाई-स्पीड इंटरनेट
स्टारलिंक ने एक एक्स पोस्ट (पूर्व में ट्विटर) के जरिए इस सेवा के लॉन्च की घोषणा की। कंपनी ने बताया कि अब बांग्लादेश के हर कोने में तेज़ इंटरनेट सेवा उपलब्ध होगी। यह सेवा खासतौर पर उन ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, जहां ब्रॉडबैंड या फाइबर इंटरनेट अभी तक नहीं पहुंच पाया है।
कितनी होगी स्टारलिंक की कीमत?
स्टारलिंक की सेवा का चार्ज दो हिस्सों में बांटा गया है:
-
सेटअप कॉस्ट: 47,000 बांग्लादेशी टका (लगभग ₹39,000) – यह एक बार का भुगतान होगा, जिसमें स्टारलिंक डिश, राउटर और इंस्टॉलेशन शामिल है।
-
मंथली सब्सक्रिप्शन कॉस्ट: 4,200 टका (लगभग ₹2,990) – यह मासिक इंटरनेट सेवा शुल्क है।
यह कीमत बांग्लादेश के लिए तय की गई है, हालांकि सेवा की गुणवत्ता और कवरेज को देखते हुए इसे एक प्रीमियम सेवा माना जा रहा है।
राजनीतिक अस्थिरता का असर नहीं
बांग्लादेश में इंटरनेट सेवा कई बार राजनीतिक परिस्थितियों की वजह से बाधित होती रही है। खासकर 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान इंटरनेट और मैसेजिंग सेवाओं को पूरी तरह बंद कर दिया गया था।
इस संदर्भ में बांग्लादेशी सरकार के सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने कहा है कि स्टारलिंक की सेवा एक स्थिर और स्वतंत्र विकल्प प्रदान करती है, जो राजनीतिक उथल-पुथल के बीच भी चालू रह सकती है।
उनके सहयोगी फैज अहमद तैयब ने भी कहा कि अब प्रीमियम कस्टमर्स के लिए एक सस्टेनेबल और हाई-क्वालिटी इंटरनेट सेवा उपलब्ध है।
युवाओं और महिलाओं को मिलेगा फायदा
मुहम्मद यूनुस ने एलन मस्क को फरवरी 2025 में बांग्लादेश में यह सेवा शुरू करने का न्योता दिया था। उन्होंने कहा था कि टेक्नोलॉजी के बेहतर इस्तेमाल से देश के युवाओं और महिलाओं के लिए नए अवसर पैदा हो सकते हैं। सरकार ने अधिकारियों को स्पेसएक्स के साथ मिलकर 90 दिनों के अंदर रोलआउट पूरा करने का निर्देश दिया था।
कहां-कहां पहुंच चुकी है स्टारलिंक?
स्टारलिंक की इंटरनेट सेवा फिलहाल 70 से अधिक देशों में उपलब्ध है। इस सूची में अब बांग्लादेश भी शामिल हो गया है।
कंपनी की नजर अब भारत पर भी है। भारत में स्टारलिंक को रेग्युलेटरी अप्रूवल मिलने का इंतजार था, जो अब लगभग पूरा हो चुका है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने सैटेलाइट इंटरनेट कंपनियों के लिए स्पेक्ट्रम अलॉटमेंट की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें रिलायंस जियो और एयरटेल समर्थित कंपनियां भी शामिल हैं।
स्टारलिंक ने लगभग तीन साल पहले भारत में ऑपरेटर लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। अब जब उसे अनुमति मिलने की खबर है, तो भारत में भी यह सेवा जल्द शुरू हो सकती है।
निष्कर्ष
स्टारलिंक का बांग्लादेश में आगमन सैटेलाइट इंटरनेट क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है। इससे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी इंटरनेट की पहुंच मिल सकेगी। यह सेवा न केवल इंटरनेट कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्रों में भी सकारात्मक बदलाव लाएगी। भारत में भी स्टारलिंक की एंट्री अब दूर नहीं, और इससे देश में इंटरनेट के क्षेत्र में एक नया युग शुरू हो सकता है।
Disclaimer: यह लेख विभिन्न मीडिया स्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। सेवाओं और योजनाओं में बदलाव संभव है, इसलिए आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित प्राधिकरण से पुष्टि अवश्य करें।