PM Vishwakarma Yojana : भारत में आज भी बड़ी संख्या में ऐसे पारंपरिक शिल्पकार और कारीगर हैं जो पीढ़ियों से अपने हुनर के बल पर जीवनयापन कर रहे हैं। लेकिन आधुनिक संसाधनों की कमी और आर्थिक अस्थिरता की वजह से उनके लिए काम को निरंतर जारी रखना मुश्किल हो जाता है। इन्हीं जरूरतों को समझते हुए भारत सरकार ने “प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना” की शुरुआत की है। यह योजना खास तौर पर उन लोगों के लिए लाई गई है जो विश्वकर्मा समुदाय से संबंधित हैं और अपने पारंपरिक व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना क्या है?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने 17 सितंबर 2020 को की थी। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के शिल्पकारों और कारीगरों को सशक्त बनाना है। योजना का संचालन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) के द्वारा किया जा रहा है।
सरकार इस योजना के तहत विश्वकर्मा समुदाय के पारंपरिक पेशों को न केवल प्रोत्साहन दे रही है, बल्कि इन्हें आधुनिक उपकरण, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता भी उपलब्ध करा रही है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाना है ताकि वे अपने काम को बेहतर तरीके से कर सकें। सरकार का प्रयास है कि ये कारीगर अपने व्यवसाय को बढ़ाकर आत्मनिर्भर बनें और देश की अर्थव्यवस्था में भी योगदान दे सकें।
योजना के लिए निर्धारित बजट
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए केंद्र सरकार ने कुल ₹13,000 करोड़ का बजट निर्धारित किया है। इस बजट का उपयोग प्रशिक्षण, टूल्स खरीद, ऋण सुविधा और अन्य सहायता में किया जा रहा है ताकि कोई भी पात्र लाभार्थी योजना से वंचित न रहे।
योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ
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प्रशिक्षण: शिल्पकारों को उनके कार्य से संबंधित उचित प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
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टूल्स के लिए सहायता राशि: प्रशिक्षण के बाद ₹15,000 तक की सहायता राशि प्रदान की जाती है जिससे लाभार्थी आवश्यक उपकरण खरीद सके।
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प्रमाण पत्र: प्रशिक्षण पूरा करने के बाद लाभार्थी को सरकारी प्रमाणपत्र भी मिलेगा।
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ब्याज में छूट के साथ लोन: ₹1 लाख तक का लोन पहली किस्त में और दूसरी किस्त में ₹2 लाख तक का लोन, वह भी कम ब्याज दर पर।
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मार्केटिंग और डिजिटल स्किल्स की ट्रेनिंग: ताकि कारीगर ऑनलाइन बाजार से भी जुड़ सकें।
कौन-कौन से पेशे इस योजना में शामिल हैं?
इस योजना के तहत कुल 18 पारंपरिक पेशों को शामिल किया गया है। इनमें से कुछ प्रमुख हैं:
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बढ़ई (Carpenter)
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नाई (Barber)
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लोहार (Blacksmith)
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स्वर्णकार (Goldsmith)
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कुम्हार (Potter)
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जूता बनाने वाला (Cobbler)
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धोबी (Washerman)
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राजमिस्त्री (Mason)
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दर्जी (Tailor)
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चटाई/झाड़ू/टोकरी बनाने वाले कारीगर
योजना के लिए पात्रता
इस योजना का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी आवश्यक हैं:
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आवेदनकर्ता भारत का स्थायी निवासी हो।
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आयु 18 वर्ष से अधिक हो।
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आवेदनकर्ता विश्वकर्मा समुदाय से संबंधित हो।
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संबंधित कार्य में पारंपरिक रूप से जुड़ा हो।
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सरकारी या निजी क्षेत्र में पहले से रोजगार में न हो।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज़
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आधार कार्ड
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बैंक पासबुक
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पासपोर्ट साइज फोटो
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निवास प्रमाण पत्र
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जाति प्रमाण पत्र
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बीपीएल कार्ड (यदि हो)
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आय प्रमाण पत्र
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मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी
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कोई अन्य पहचान पत्र
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में आवेदन कैसे करें?
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सबसे पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://pmvishwakarma.gov.in पर जाएं।
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होमपेज पर “How to Register” विकल्प पर क्लिक करें।
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आधार नंबर और मोबाइल नंबर डालकर OTP से सत्यापन करें।
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अब रजिस्ट्रेशन फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी भरें।
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आवश्यक दस्तावेज़ स्कैन करके अपलोड करें।
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“Submit” बटन पर क्लिक करके आवेदन पूरा करें।
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भविष्य के लिए आवेदन फॉर्म का प्रिंटआउट अवश्य निकाल लें।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना उन सभी शिल्पकारों और कारीगरों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो अपने काम को आगे बढ़ाना चाहते हैं लेकिन संसाधनों की कमी के कारण पीछे रह जाते हैं। यह योजना न केवल उन्हें आर्थिक सहायता देती है, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ाती है। यदि आप या आपके परिवार में कोई भी इस योजना के लिए पात्र है, तो जल्द से जल्द इसका आवेदन जरूर करें और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना योगदान दें।