PM Krishi Sinchai Yojana : भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां आज भी बड़ी संख्या में किसान सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर रहते हैं। खेती में पानी की पर्याप्त उपलब्धता फसल उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों को प्रभावित करती है। ऐसे में किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana – PMKSY) की शुरुआत की थी।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य “हर खेत को पानी” यानी देश के हर किसान की जमीन तक सिंचाई की सुविधा पहुँचाना है। साथ ही, इस योजना के माध्यम से जल संरक्षण को बढ़ावा देने और आधुनिक सिंचाई तकनीकों को अपनाने की दिशा में भी कदम उठाए गए हैं। इसका उद्देश्य केवल सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना नहीं है, बल्कि जल स्रोतों का बेहतर प्रबंधन और जल की बर्बादी को कम करना भी है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का मुख्य उद्देश्य जल संसाधनों का समुचित उपयोग करना है ताकि खेती में पानी की बर्बादी को कम किया जा सके और हर किसान को पर्याप्त मात्रा में सिंचाई के लिए पानी मिल सके। इस योजना के अंतर्गत सरकार ने “प्रति बूंद अधिक फसल” के सिद्धांत को अपनाया है, जिसके तहत ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इस योजना के तहत कृषि क्षेत्र में पानी की बचत के साथ-साथ मृदा संरक्षण और भूजल स्तर को बनाए रखने पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। यह योजना एकीकृत दृष्टिकोण को अपनाते हुए विभिन्न मंत्रालयों, जैसे जल संसाधन मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय आदि के प्रयासों को जोड़ती है।
योजना के तहत मिलने वाले लाभ
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सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली पर जोर – ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणालियों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इन प्रणालियों के उपयोग से पानी की बर्बादी बहुत कम होती है और फसल को आवश्यकतानुसार पानी मिलता है।
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जल संरक्षण – जल स्रोतों जैसे तालाब, नहर, कुएं आदि का संरक्षण और मरम्मत की जाती है। पारंपरिक जल स्रोतों को भी मजबूत किया जाता है।
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फसल उत्पादन में वृद्धि – पानी की उपलब्धता बढ़ने से फसलें बेहतर होती हैं और उनकी पैदावार में सुधार आता है। इससे किसानों की आय भी बढ़ती है।
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सरकारी सब्सिडी का लाभ – इस योजना के अंतर्गत किसानों को सूक्ष्म सिंचाई उपकरण खरीदने पर सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है। यह सब्सिडी किसान की श्रेणी और राज्य सरकार की नीतियों के अनुसार भिन्न हो सकती है।
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रोजगार के अवसर – इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं क्योंकि सिंचाई प्रणाली स्थापित करने के लिए स्थानीय श्रमिकों की आवश्यकता होती है।
सब्सिडी की जानकारी
इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार 60% तक और राज्य सरकार 40% तक का अनुदान प्रदान करती है। कुछ विशेष श्रेणी के किसानों, जैसे छोटे और सीमांत किसान, को 55% से लेकर 90% तक की सब्सिडी मिल सकती है। कुछ राज्यों ने इस प्रतिशत को और बढ़ा दिया है। केंद्र शासित प्रदेशों में यह पूरी सब्सिडी (100%) केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है।
ड्रिप सिंचाई और स्प्रिंकलर प्रणाली के लिए अलग-अलग दरों पर सब्सिडी मिलती है। इसका उद्देश्य किसानों को आधुनिक तकनीकों के उपयोग के लिए प्रेरित करना है ताकि खेती को अधिक उत्पादक और लाभकारी बनाया जा सके।
योजना का लाभ कैसे प्राप्त करें?
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ लेने के लिए कुछ आवश्यक शर्तें होती हैं:
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आवेदक एक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
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सभी श्रेणी के किसान इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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किसान के पास खुद की कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए।
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आधार कार्ड से लिंक बैंक खाता होना आवश्यक है ताकि सब्सिडी की राशि सीधे किसान के खाते में भेजी जा सके।
किसान अपने नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं या राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। वहां से उन्हें आवेदन की प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेजों और सब्सिडी की जानकारी मिल सकती है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एक दूरदर्शी पहल है जिसका उद्देश्य देश के हर कोने तक पानी की पहुंच सुनिश्चित करना है। यह योजना जल संरक्षण, आधुनिक तकनीकों का उपयोग, किसानों की आय में वृद्धि और ग्रामीण विकास जैसे कई क्षेत्रों को एक साथ जोड़ती है।
यदि इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए और किसान जागरूक होकर इसका लाभ लें, तो न केवल खेती की पैदावार बढ़ेगी बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति भी सशक्त होगी। सरकार की यह पहल जल संकट से जूझ रहे भारत जैसे देश में एक बड़ी राहत बनकर सामने आई है।