North East Floods : पूर्वोत्तर भारत में भारी मानसून बारिश ने भारी तबाही मचा दी है। मणिपुर, असम, सिक्किम, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश समेत कई राज्यों में बाढ़, भूस्खलन और मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस प्राकृतिक आपदा ने हजारों लोगों को प्रभावित किया है और कई की जान भी जा चुकी है।
मणिपुर में भारी तबाही
मणिपुर में मानसून की मूसलाधार बारिश ने 19,000 से अधिक लोगों को प्रभावित किया है। अधिकारियों के अनुसार पिछले चार दिनों में आई बाढ़ ने 3,365 घरों को नुकसान पहुंचाया है। प्रभावित लोगों के लिए 31 राहत शिविर खोले गए हैं, जिनमें अधिकांश इंफाल पूर्वी जिले में स्थित हैं।
सबसे अधिक प्रभावित विधानसभा क्षेत्र सेनापति जिले के अलावा इंफाल पूर्वी जिले के हीनगांग, वांगखेई और खुरई हैं। यहाँ के लोग इस बाढ़ से भारी परेशान हैं और राहत कार्य तीव्र गति से चल रहे हैं।
सिक्किम में 30 लोगों की मौत
सिक्किम में भी हालात बेहद चिंताजनक हैं। यहां भारी बारिश और भूस्खलन के कारण अब तक करीब 30 लोगों की जान जा चुकी है। मंगन जिले में लगातार बारिश हो रही है, जिससे उत्तर सिक्किम में लगभग 1,500 पर्यटक फंसे हुए हैं।
स्थानीय पुलिस, वन कर्मी, स्थानीय निवासी और लाचुंग होटल एसोसिएशन फंसे पर्यटकों को निकालने में लगे हुए हैं। प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है कि सभी को सुरक्षित निकाला जाए।
असम में बाढ़ और भूस्खलन का कहर
असम में भी बाढ़ और भूस्खलन से 10 लोगों की मौत हुई है। रविवार को ही दो और लोगों की मौत दर्ज की गई, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 10 हो गई। राज्य के 20 से अधिक जिलों में करीब चार लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं।
राज्य की सात प्रमुख नदियां उफान पर हैं, जिससे नदियों के किनारे बसे इलाकों में पानी भर गया है। लगातार हो रही बारिश के कारण सड़क, रेल और नौका सेवाएं प्रभावित हुई हैं, जिससे आवागमन मुश्किल हो गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का सक्रिय हस्तक्षेप
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम, मणिपुर, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बात की। उन्होंने राज्यों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
अमित शाह ने बारिश और बाढ़ की स्थिति पर जानकारी लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार प्रभावित राज्यों को आवश्यक संसाधन और सहायता उपलब्ध कराने में पूरी तत्परता दिखा रही है।
राहत एवं बचाव कार्य जारी
भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित राज्यों में राहत कार्य जारी है। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में बचाव दल तैनात किए हैं। राहत शिविर स्थापित कर लोगों को भोजन, दवा और आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
स्थानीय प्रशासन और केंद्र सरकार मिलकर प्रभावित लोगों को सुरक्षित निकालने और पुनर्वास के लिए प्रयास कर रहे हैं। साथ ही, मौसम विभाग लगातार अलर्ट जारी कर रहा है ताकि और अधिक नुकसान से बचा जा सके।
नतीजा और आगे की तैयारी
पूर्वोत्तर भारत में यह बाढ़ मानसून के दौरान आम है, लेकिन इस बार बारिश की तीव्रता और भूस्खलन ने स्थिति को अत्यंत गंभीर बना दिया है। भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर पूर्व चेतावनी प्रणाली, बाढ़ नियंत्रण उपाय और इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत को और अधिक गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
स्थानीय समुदायों को भी आपदा प्रबंधन की तैयारी करनी होगी, ताकि ऐसे प्राकृतिक आपदाओं में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
निष्कर्ष:
नॉर्थ-ईस्ट में भारी बारिश और बाढ़ से हालात चिंताजनक हैं। कई लोगों की जानें गईं और हजारों प्रभावित हुए हैं। केंद्र एवं राज्य सरकारें राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं और प्रभावितों को हरसंभव मदद देने का प्रयास कर रही हैं। आम जनता से भी सावधानी बरतने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है ताकि इस प्राकृतिक आपदा का प्रभाव कम से कम हो।