Monsoon 2025 Update : देशभर में तपती गर्मी ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। लेकिन अब राहत की खबर है, क्योंकि भारत में मानसून 2025 की दस्तक समय से पहले होने वाली है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार इस साल मानसून एक सप्ताह पहले आ सकता है। इससे देश के कई हिस्सों में समय से पहले बारिश की संभावना जताई गई है।
इस लेख में हम जानेंगे कि इस बार मानसून कब आएगा, किन राज्यों में कब बारिश होगी, और किन जगहों पर मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
मानसून 2025: एक हफ्ते पहले दे सकता है दस्तक
हर साल की तरह इस बार भी दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत केरल से हुई है। लेकिन इस बार मानसून ने सामान्य समय से एक हफ्ते पहले ही केरल में दस्तक दे दी है। मौसम विभाग के मुताबिक, पिछले 16 वर्षों में पहली बार इतनी जल्दी मानसून आया है।
आईएमडी ने बताया कि इस बार मई के अंत तक केरल और तटीय कर्नाटक में अच्छी बारिश हो रही है। इसके साथ ही समुद्र में हवा की गति 40-50 किलोमीटर प्रति घंटा तक दर्ज की जा रही है। इससे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि मानसून ने अपनी सक्रियता तेज कर दी है।
इन राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग ने देश के 16 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इन राज्यों में तेज हवाएं, आंधी और बिजली के साथ बारिश होने की संभावना है। इनमें शामिल हैं:
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केरल
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कर्नाटक
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गोवा
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महाराष्ट्र
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तमिलनाडु
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आंध्र प्रदेश
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तेलंगाना
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ओडिशा
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बिहार
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मध्य प्रदेश
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छत्तीसगढ़
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उत्तराखंड
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हिमाचल प्रदेश
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असम
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मेघालय
इन राज्यों में अगले चार से पांच दिनों तक रुक-रुक कर बारिश हो सकती है।
मध्य भारत में कब आएगा मानसून?
मौसम विभाग के अनुसार, मध्य भारत के राज्यों में भी मानसून जल्दी पहुंचने के संकेत हैं। उदाहरण के तौर पर:
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मध्य प्रदेश में मानसून 15-16 जून तक पहुंच सकता है, जबकि सामान्यत: यह 18 से 22 जून के बीच आता है।
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छत्तीसगढ़ में मानसून सामान्यत: 13 जून को पहुंचता है, लेकिन इस बार यह 7-8 जून को ही आ सकता है।
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राजस्थान में मानसून हर साल 25 जून को पहुंचता है, लेकिन इस बार इसके 20 जून तक आने की संभावना है।
दक्षिण भारत में दबाव का असर
इस समय दक्षिण कोंकण क्षेत्र और पूर्व-मध्य अरब सागर में हवा के दबाव के कारण मानसून की गति और तेज हो गई है। इस दबाव के कारण तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी हल्की बारिश के आसार हैं।
आईएमडी के अनुसार, अप्रैल में ही यह अनुमान लगाया गया था कि इस साल मानसून सामान्य से अधिक वर्षा लेकर आ सकता है। ऐसे में किसानों और आम जनता को बारिश से अच्छी राहत मिलने की उम्मीद है।
मानसून की गति और समय सीमा
भारत में सामान्यत: मानसून 1 जून को केरल से शुरू होता है और धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ते हुए 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। इसके बाद 17 सितंबर के आसपास मानसून उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटने लगता है। पूरी तरह से मानसून 15 अक्टूबर तक समाप्त हो जाता है।
हालांकि मौसम विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि केरल में मानसून जल्दी आने का मतलब यह नहीं है कि पूरे देश में मानसून एकसमान गति से आगे बढ़ेगा। हर राज्य में मौसम की परिस्थितियाँ अलग होती हैं और उसी के अनुसार मानसून की एंट्री होती है।
पिछली बार मानसून कब आया था?
2024 में मानसून ने 30 मई को केरल में दस्तक दी थी। इससे पहले 2016 में सबसे देरी से मानसून 9 जून को आया था। वहीं, 1918 में सबसे जल्दी मानसून 11 मई को पहुंचा था। 2001 और 2009 में भी मानसून 23 मई को आया था।
इस साल भी मानसून ने अपने तय समय से पहले दस्तक देकर सबको चौंका दिया है।
निष्कर्ष
मानसून 2025 की शुरुआत उत्साहजनक रही है और इसकी समय से पहले हुई एंट्री ने उम्मीद बढ़ा दी है कि इस बार गर्मी से लोगों को जल्द राहत मिलेगी। देश के कई राज्यों में अगले कुछ दिनों में बारिश की संभावना है और मौसम विभाग ने कई जगहों पर अलर्ट भी जारी किया है।
कृषि से जुड़े लोगों के लिए यह मौसम बेहद महत्वपूर्ण होता है और मानसून का समय से पहले आना उनके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। अब देखना यह होगा कि मानसून कितनी जल्दी पूरे देश को अपनी चपेट में लेता है और वर्षा कितनी संतुलित रहती है।