Career Guidance After 12th : 12वीं की परीक्षा के बाद करियर की राह चुनना हर छात्र के लिए एक बड़ा निर्णय होता है। बहुत से छात्र ऐसे होते हैं जो 10+2 में ली गई स्ट्रीम से संतुष्ट नहीं होते और भविष्य में किसी अन्य क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही होता है — क्या 12वीं के बाद विषय या स्ट्रीम बदली जा सकती है? क्या इसका कोई नकारात्मक असर पड़ता है? अगर आप भी इसी असमंजस में हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद उपयोगी है।
क्या 12वीं के बाद स्ट्रीम बदलना संभव है?
करियर काउंसलर आशीष आदर्श के अनुसार, यह बिल्कुल संभव है। रिसर्च और ट्रेंड्स बताते हैं कि करीब 40% छात्र 12वीं के बाद अपनी स्ट्रीम बदल देते हैं, क्योंकि उन्हें यह महसूस होता है कि उनकी चुनी गई स्ट्रीम उनके रुचि क्षेत्र के अनुरूप नहीं है।
अगर कोई छात्र साइंस, कॉमर्स या आर्ट्स लेकर 12वीं करता है, और बाद में उसे लगता है कि वह अन्य क्षेत्र में ज्यादा रुचि रखता है, तो वह उस दिशा में आगे पढ़ाई कर सकता है। कुछ विषयों में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा की आवश्यकता होती है, तो कुछ संस्थानों में केवल इंटरव्यू या मेरिट के आधार पर भी एडमिशन मिल जाता है।
यूपीएससी की तैयारी के लिए कौन-से विषय चुनें?
प्रिंस कुमार जैसे कई छात्र होते हैं, जिन्हें समाज सेवा और प्रशासनिक सेवा में करियर बनाने की प्रेरणा मिलती है और वे UPSC (Union Public Service Commission) की परीक्षा की ओर रुख करते हैं।
आशीष आदर्श बताते हैं कि UPSC की सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों में होती है:
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Preliminary (प्रारंभिक परीक्षा)
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Mains (मुख्य परीक्षा)
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Interview (साक्षात्कार)
UPSC की प्रारंभिक परीक्षा में दो पेपर होते हैं —
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General Studies (सामान्य अध्ययन)
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CSAT (Civil Services Aptitude Test)
मुख्य परीक्षा में कुल 9 पेपर होते हैं जिनमें 2 वैकल्पिक विषय (Optional Subjects) चुनने होते हैं। इन वैकल्पिक विषयों का चुनाव वही छात्र बेहतर कर सकता है, जिसे उन विषयों में गहरी रुचि हो और जो उसने 12वीं या ग्रेजुएशन में पढ़ा हो।
इसलिए अगर आप यूपीएससी की तैयारी करना चाहते हैं तो विषय चयन में रुचि और UPSC की वैकल्पिक विषय सूची का विशेष ध्यान रखें।
विकलांग उम्मीदवारों के लिए विशेष मौका
UPSC में विकलांग छात्रों के लिए 4% आरक्षण का प्रावधान है। यदि कोई छात्र खुद में सिविल सेवा अधिकारी बनने की संभावना देखता है, तो उसे जल्द से जल्द सही दिशा में तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
क्या स्टेनो और टाइपिस्ट बनना अच्छा करियर विकल्प है?
अमरजीत सिंह जैसे कई छात्र ऐसे स्किल-बेस्ड करियर विकल्पों की तलाश करते हैं, जहां जल्दी नौकरी मिल सके। स्टेनो और टाइपिस्ट ऐसा ही एक करियर विकल्प है।
आशीष आदर्श के अनुसार, स्टेनोग्राफी और टाइपिंग एक ऐसा स्किल है जिसे आप किसी भी निजी संस्थान या ट्रेनिंग सेंटर से कुछ महीनों में सीख सकते हैं। इसमें आपकी प्रोफिशिएंसी ही आपका असली प्रमाण पत्र होती है।
सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में अवसर
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सरकारी विभागों, न्यायालयों, विश्वविद्यालयों में स्टेनो और टाइपिस्ट की भर्तियाँ नियमित रूप से निकलती रहती हैं।
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रोजगार समाचार पत्र और सरकारी भर्ती पोर्टल्स के माध्यम से इन वैकेंसी की जानकारी समय-समय पर ली जा सकती है।
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निजी कंपनियाँ, प्रकाशन गृह (बुक पब्लिशर्स), एनजीओ, पब्लिक लाइब्रेरी आदि में भी अच्छी टाइपिंग स्किल रखने वाले उम्मीदवारों की मांग रहती है।
यदि आपने हिंदी और इंग्लिश टाइपिंग, कंप्यूटर और ऑफिस एप्लिकेशन का अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लिया, तो इस क्षेत्र में रोजगार के अवसरों की कमी नहीं है।
करियर चुनते समय किन बातों का ध्यान रखें?
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रुचि को प्राथमिकता दें: आप जिस क्षेत्र में लंबे समय तक काम कर सकते हैं और मन लगाकर मेहनत कर सकते हैं, उसी में करियर बनाना चाहिए।
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अपनी क्षमताओं का मूल्यांकन करें: यह देखें कि आपकी किस विषय में समझ और पकड़ बेहतर है।
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स्कोप और रोजगार के अवसर देखें: किसी भी क्षेत्र में जाने से पहले यह जरूर जानें कि उस सेक्टर में आने वाले वर्षों में कितना स्कोप रहेगा।
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मार्गदर्शन लें: करियर काउंसलर, शिक्षक, और अनुभवी लोगों से सलाह लेना हमेशा लाभकारी होता है।
निष्कर्ष
12वीं के बाद स्ट्रीम बदलना न तो गलत है और न ही असामान्य। यह एक सोच-समझकर लिया गया निर्णय होना चाहिए, जिसमें आपकी रुचि, लक्ष्य और परिस्थितियों का विश्लेषण शामिल हो। अगर आप प्रशासनिक सेवाओं में जाना चाहते हैं, तो मानविकी, समाजशास्त्र, पॉलिटिकल साइंस जैसे विषय आपके लिए उपयुक्त हो सकते हैं। वहीं, अगर आप जल्दी नौकरी पाना चाहते हैं तो स्टेनोग्राफी और टाइपिंग जैसे स्किल्स भी बहुत फायदेमंद हो सकते हैं।
करियर बदलने से न डरें, सही दिशा में चलें और अपने लक्ष्य की ओर लगातार प्रयास करें — सफलता निश्चित मिलेगी।