B.Ed Course Update : राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने हाल ही में B.Ed कोर्स को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से लिया गया है। इस निर्णय का प्रभाव देशभर के लगभग 15,000 एकल (सिर्फ B.Ed चलाने वाले) कॉलेजों पर पड़ेगा। अब इन सभी संस्थानों को 2030 तक मल्टी-डिसिप्लिनरी संस्थानों में मर्ज करना होगा।
क्या है नई गाइडलाइन?
NCTE की ओर से जारी नई गाइडलाइन के अनुसार, अब कोई भी कॉलेज अकेले B.Ed कोर्स नहीं चला सकेगा। यदि कोई B.Ed कॉलेज किसी डिग्री कॉलेज के 3 किलोमीटर के दायरे में है, तो उसे उसी संस्थान में मर्ज करना अनिवार्य होगा। वहीं, जिन कॉलेजों की दूरी 10 किलोमीटर तक है, वे भी इस गाइडलाइन के अंतर्गत आएंगे और उन्हें पास के डिग्री कॉलेजों के साथ मिलकर संचालन करना होगा।
क्यों लिया गया यह फैसला?
यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप लिया गया है, जिसमें यह सुझाव दिया गया है कि उच्च शिक्षा संस्थानों को मल्टी-डिसिप्लिनरी बनाया जाए। नीति के अनुसार, शिक्षा को विषय आधारित होने के साथ-साथ व्यावहारिक और तकनीकी दृष्टि से भी समृद्ध किया जाना चाहिए। इसका उद्देश्य छात्रों को व्यापक ज्ञान के साथ-साथ कौशल विकास के अवसर भी देना है।
छात्रों की संख्या पर भी नया नियम
NCTE की गाइडलाइन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अब किसी भी कोर्स में अधिकतम 50 छात्रों को ही दाखिला दिया जाएगा। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होगी, बल्कि संसाधनों का संतुलित उपयोग भी सुनिश्चित किया जा सकेगा। छोटे बैच से शिक्षकों को प्रत्येक छात्र पर बेहतर ध्यान देने का मौका मिलेगा और छात्रों की समझने की क्षमता भी बढ़ेगी।
कॉलेजों को करना होगा आपसी समझौता
जिन B.Ed कॉलेजों को पास के डिग्री कॉलेजों में मर्ज किया जाएगा, उन्हें आपसी सहमति से एक समझौता करना होगा। इस समझौते के तहत दोनों संस्थान भवन, स्टाफ और बुनियादी सुविधाएं एक साथ साझा करेंगे। इससे न सिर्फ संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा, बल्कि दोनों संस्थानों को मिलकर शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने का अवसर भी मिलेगा।
वर्तमान छात्रों के लिए राहत की खबर
जो छात्र पहले से किसी एकल B.Ed कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें इस बदलाव से घबराने की जरूरत नहीं है। उनकी पढ़ाई बिना किसी रुकावट के पूरी कराई जाएगी। संबंधित कॉलेज अब नजदीकी डिग्री कॉलेज में मर्ज होकर संचालन जारी रखेंगे, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी।
शिक्षा की गुणवत्ता में होगा सुधार
विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय देश की शिक्षा प्रणाली के लिए एक सकारात्मक बदलाव साबित होगा। इससे न सिर्फ कॉलेजों की शैक्षणिक गुणवत्ता बेहतर होगी, बल्कि छात्र भी बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, योग्य शिक्षक और अधिक सीखने के अवसरों का लाभ उठा सकेंगे।
कौशल विकास को मिलेगा बढ़ावा
नई गाइडलाइन के अनुसार, B.Ed कोर्स का ढांचा इस प्रकार से तैयार किया जाएगा जिसमें छात्रों को विषय ज्ञान के साथ-साथ व्यवहारिक कौशल और तकनीकी दक्षता भी सिखाई जाएगी। इससे आने वाले समय में शिक्षक बनने वाले युवाओं को कक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी।
छात्रों और अभिभावकों के लिए सुझाव
जो छात्र भविष्य में B.Ed में प्रवेश लेने की सोच रहे हैं, उन्हें यह अवश्य देखना चाहिए कि जिस कॉलेज में वे दाखिला ले रहे हैं वह मल्टी-डिसिप्लिनरी संस्थान है या नहीं। इसके अलावा कॉलेज की मान्यता, शिक्षा की गुणवत्ता और भविष्य की स्थिति की जानकारी पहले से लेना भी जरूरी है।
निष्कर्ष
NCTE द्वारा लिया गया यह निर्णय उच्च शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा और आवश्यक बदलाव है। इससे न केवल संस्थानों की कार्यप्रणाली बेहतर होगी, बल्कि छात्रों को भी उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। यह कदम शिक्षा को व्यवहारिक, विषय आधारित और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत प्रयास है।
अतः आने वाले वर्षों में यह बदलाव शिक्षकों की गुणवत्ता, छात्रों की दक्षता और देश की समग्र शिक्षा व्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगा।