Improve CIBIL Score : आज के समय में अगर आप घर खरीदना चाहते हैं, कार का सपना पूरा करना हो, पढ़ाई के लिए लोन चाहिए या फिर अपना कोई छोटा-मोटा बिजनेस शुरू करना हो, तो सबसे पहले बैंक या कोई भी फाइनेंशियल संस्थान जो चीज देखता है, वो है आपका CIBIL स्कोर। यह एक तरह से आपकी आर्थिक साख (creditworthiness) का मापदंड है। अगर स्कोर अच्छा है, तो लोन जल्दी और कम ब्याज दर पर मिलता है। लेकिन यदि स्कोर खराब है, तो बैंक लोन देने से मना कर सकते हैं या फिर ऊंची ब्याज दर लगा सकते हैं।
ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि CIBIL स्कोर क्या होता है, यह क्यों गिरता है और इसे कैसे सुधारा जा सकता है। इस लेख में हम इन सभी पहलुओं को विस्तार से और सरल भाषा में समझेंगे ताकि आप अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकें।
CIBIL स्कोर क्या होता है?
CIBIL स्कोर एक तीन अंकों का नंबर होता है, जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री यानी आपने अब तक लोन और क्रेडिट कार्ड के भुगतान कैसे किए हैं, उसके आधार पर तय किया जाता है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है। जितना ज्यादा यह स्कोर होगा, आपकी क्रेडिटवर्थिनेस उतनी ही बेहतर मानी जाएगी।
यदि आपका स्कोर 750 या उससे ऊपर है, तो बैंक आप पर भरोसा करके आसानी से लोन देने को तैयार हो जाते हैं। वहीं, कम स्कोर होने पर लोन मिलने में परेशानी आती है।
स्कोर कम क्यों हो जाता है?
कई बार लोगों को यह पता ही नहीं होता कि उनका स्कोर क्यों गिर रहा है। इसके कुछ मुख्य कारण होते हैं:
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EMI या क्रेडिट कार्ड का भुगतान समय पर न करना।
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एक साथ कई लोन के लिए अप्लाई करना।
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क्रेडिट कार्ड का अधिक उपयोग करना, यानी लिमिट से ज्यादा खर्च करना।
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पुराने बकाया का लंबे समय तक भुगतान न करना।
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CIBIL रिपोर्ट में गलत जानकारी होना।
इन सभी बातों का सीधा असर आपके स्कोर पर पड़ता है। इसलिए सबसे पहले आपको अपना स्कोर चेक करना चाहिए। यह आप साल में एक बार मुफ्त में कर सकते हैं।
CIBIL स्कोर सुधारने के 6 आसान तरीके
अगर आपका स्कोर कम है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। नीचे दिए गए कुछ आसान लेकिन असरदार तरीकों से आप अपने स्कोर को धीरे-धीरे सुधार सकते हैं।
1. EMI और क्रेडिट कार्ड बिल समय पर भरें
यह सबसे जरूरी और पहला कदम है। अगर आप समय पर EMI और बिल भरते हैं, तो आपका स्कोर अपने आप बेहतर होने लगता है। एक भी भुगतान में देरी स्कोर को नुकसान पहुंचा सकती है।
2. क्रेडिट कार्ड का सीमित इस्तेमाल करें
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल हमेशा उसकी निर्धारित लिमिट के 30 प्रतिशत तक ही करें। उदाहरण के लिए, अगर आपके कार्ड की लिमिट ₹1 लाख है, तो कोशिश करें कि आप ₹30,000 से ज्यादा खर्च न करें। इससे आपकी साख अच्छी बनी रहती है।
3. पुराने कर्ज जल्दी निपटाएं
अगर आपके ऊपर कोई पुराना कर्ज है, चाहे वो पर्सनल लोन हो या क्रेडिट कार्ड का बकाया, उसे जल्द से जल्द चुकता करें। इससे आपका स्कोर जल्दी सुधर सकता है।
4. एक साथ कई लोन के लिए आवेदन न करें
जब आप कई बैंकों में एक साथ लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो यह दर्शाता है कि आप पैसों को लेकर चिंतित हैं। इससे स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसलिए सोच-समझकर ही आवेदन करें।
5. CIBIL रिपोर्ट समय-समय पर चेक करें
हर 6 महीने में अपनी CIBIL रिपोर्ट जरूर जांचें। अगर उसमें कोई गलती या गलत एंट्री दिखे, तो तुरंत उसे सुधारने के लिए CIBIL से संपर्क करें।
6. लोन की अवधि छोटी रखें
जब आप लोन लें, तो उसकी अवधि यानी टेन्योर को छोटा रखें। इससे आप जल्दी कर्ज चुकता कर सकते हैं और ब्याज भी कम देना होता है। इससे स्कोर भी जल्दी सुधरता है।
CIBIL स्कोर की स्थिति और रेंज
स्कोर रेंज | स्थिति |
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750 – 900 | बहुत अच्छा, लोन आसानी से मिलेगा |
650 – 749 | ठीक-ठाक, कुछ बैंकों से लोन मिल सकता है |
550 – 649 | कमजोर, लोन मिलने में दिक्कत हो सकती है |
300 – 549 | बहुत कमजोर, लोन मिलना मुश्किल |
स्कोर कितनी जल्दी सुधर सकता है?
CIBIL स्कोर कोई ऐसी चीज नहीं है जो रातों-रात सुधर जाए। अगर आप ऊपर बताए गए सभी उपायों को ईमानदारी से अपनाते हैं, तो भी स्कोर सुधारने में 3 से 6 महीने का समय लग सकता है। इस दौरान धैर्य रखना बेहद जरूरी है।
भविष्य में स्कोर खराब न हो, इसके लिए क्या करें?
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हर महीने समय पर EMI और बिल भरें।
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क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल जरूरत के अनुसार करें।
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बार-बार लोन लेने से बचें।
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क्रेडिट कार्ड की लिमिट जरूरत के बिना न बढ़ाएं।
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साल में कम से कम 2 बार CIBIL रिपोर्ट जरूर जांचें।
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फाइनेंशियल प्लानिंग ठीक से करें।
आजकल आप Jio, Paytm, PhonePe जैसे ऐप्स की मदद से भी अपना स्कोर फ्री में चेक कर सकते हैं।
निष्कर्ष
CIBIL स्कोर आपकी वित्तीय सेहत का आईना होता है। अगर इसे नजरअंदाज किया गया, तो भविष्य में आर्थिक योजनाओं में अड़चन आ सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि आप समय रहते अपनी आदतों को सुधारें और ऊपर बताए गए उपायों को अपनाकर स्कोर को बेहतर बनाएं। थोड़ी सी सतर्कता और नियमितता से आप एक मजबूत वित्तीय स्थिति बना सकते हैं।