Gold Rate 2026 : 2025 में सोने की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। इस साल की शुरुआत से ही सोना लगातार महंगा होता चला गया है और अब तक इसमें लगभग 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की जा चुकी है। जानकारों का मानना है कि यह तेजी अभी थमी नहीं है और साल के अंत तक दाम और भी ऊंचाई छू सकते हैं।
लोगों का बढ़ता रुझान बना रहा है सोने को महंगा
इस साल सोने ने निवेशकों को इतना अधिक रिटर्न दिया है कि लोग शेयर बाजार की बजाय सोने की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। अस्थिर वैश्विक हालात और आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच सोने को एक सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जा रहा है। यही वजह है कि सोने की मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे इसके दामों में तेज उछाल देखा जा रहा है।
युद्ध और वैश्विक तनाव के कारण बढ़ी मांग
विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया में चल रहे युद्ध, राजनीतिक तनाव और वैश्विक मंदी की आशंका ने निवेशकों को सुरक्षित विकल्प की ओर मोड़ दिया है। इस समय सोना ही ऐसा माध्यम है जो लंबे समय तक मूल्य बनाए रख सकता है। आर्थिक अस्थिरता के दौर में लोग अपने धन को सुरक्षित रखने के लिए सोना खरीद रहे हैं, जिससे मांग में और तेजी आई है।
सोने की रिकॉर्ड तोड़ कीमतें
इस साल 22 अप्रैल को सर्राफा बाजार में सोने की कीमतें 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई थीं। यह एक ऐतिहासिक स्तर है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सोने की कीमतों में तेज उछाल देखा गया है। जेपी मॉर्गन जैसी बड़ी वित्तीय कंपनी का अनुमान है कि 2026 तक सोना अंतरराष्ट्रीय बाजार में 4,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है।
शांति की आहट और भाव में गिरावट
हाल ही में दुनिया के कुछ हिस्सों में तनाव में थोड़ी कमी आई, जिससे सोने की कीमतों में हल्की गिरावट देखी गई। 23 अप्रैल से कीमतों में गिरावट शुरू हुई और 15 मई को एमसीएक्स पर सोना 90,890 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक आ गया। हालांकि, इसके बाद एक बार फिर तेजी देखी गई और सोने के भाव वापस ऊपर चढ़ने लगे।
फिर से बढ़ सकती है कीमतें
जेपी मॉर्गन के अनुसार भविष्य में एक बार फिर से वैश्विक तनाव, आर्थिक मंदी और महंगाई का खतरा मंडरा सकता है। इन परिस्थितियों में निवेशक एक बार फिर से सोने की ओर रुख करेंगे, जिससे कीमतों में फिर से तेजी आ सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक 2025 के अंत तक सोना 3,675 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है और 2026 की दूसरी तिमाही में यह 4,000 डॉलर के पार जा सकता है।
सेंट्रल बैंकों की खरीद से मांग को मिला बल
दुनियाभर के सेंट्रल बैंक भी सोने की खरीदारी कर रहे हैं। हर तिमाही में औसतन 710 टन सोना खरीदा जा रहा है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि सोने की मांग अभी भी मजबूत बनी हुई है और इसके भावों में स्थायित्व बना रह सकता है।
भारत में क्या रहेंगे सोने के दाम
भारत में भी सोने की कीमतों को लेकर अनुमान लगाए जा रहे हैं। जानकार जिगर त्रिवेदी का मानना है कि अगले 9 से 12 महीनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 3,800 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है। भारत में त्योहारों और शादी-विवाह के सीजन के कारण मांग में इजाफा होना तय है। ऐसे में साल के अंत तक भारत में सोने की कीमतें 1,10,000 से 1,15,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकती हैं।
अमेरिका की आर्थिक स्थिति और डॉलर का प्रभाव
अमेरिका की आर्थिक स्थिति भी सोने की कीमतों को प्रभावित कर रही है। अमेरिका पर कर्ज बढ़ रहा है, डॉलर कमजोर हो रहा है और वहां महंगाई का डर बना हुआ है। मूडीज जैसी रेटिंग एजेंसी ने अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग भी घटा दी है। इन सभी कारणों से निवेशक सुरक्षित विकल्प की तलाश में सोने की ओर लौट रहे हैं।
निष्कर्ष
2025 में सोने की कीमतों में आई तेजी के पीछे कई वैश्विक कारण हैं, जिनमें आर्थिक अनिश्चितता, युद्ध, सेंट्रल बैंकों की खरीद और डॉलर की कमजोरी प्रमुख हैं। आने वाले समय में भी अगर यही हालात बने रहते हैं तो सोने की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं। भारत में भी त्योहारों और विवाह सीजन के चलते मांग बढ़ेगी, जिससे कीमतों में और इजाफा होने की पूरी संभावना है। निवेशकों के लिए यह समय सावधानी और समझदारी से सोने में निवेश करने का है।